Biology

संक्रामक रोग: हवा, भोजन, जल, सम्पर्क, कीटो और पशुओं से फैलने वाले रोग तथा कीटाणुओं या रोगाणु कैसे फेलते है?

संक्रामक रोग हम जिस वातावरण में रहते हैं वहां भरपूर मात्रा में कीटाणुओं या रोगाणु हैं। ये रोगाणु एक संक्रमित व्यक्ति के शरीर से एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में संक्रमण करते हैं। शरीर में प्रवेश करने पर वे जहर उत्पन्न करते हैं जो खांसी, बुखार, फुंसियां निकलने जैसे लक्षणों […]

मादा जनन प्रणाली या Female Reproductive System में अंगों के कार्य तथा संरचनाए

हमने यह सीखा है कि मनुष्यों में नर और मादा जनन प्रणाली अत्यधिक उच्च और अद्वितीय है।   प्रत्येक प्रणाली की बनावट कोशिकाओं के वहन पोषण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए हुई है, जो जनन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।   अब मादा जनन प्रणाली या female reproductive system […]

आकाश नीला क्यों है? और सूर्यास्त और सूर्योदय पीले-नारंगी क्यों होते हैं?

  आकाश नीला क्यों है? तुमने यह सवाल कई बार सुना होगा या तुमने शायद कभी खुद से भी पूछा हो पर इसका जवाब ढूंढ़ने के लिए शायद हमें अभी कुछ और सवाल करने चाहिए। रात में आकाश का रंग क्या होता है? अब इसका जवाब तो तुम सबको पता […]

बायोमास (Biomass) और बायो-गैस (Bio Gas) और घर पर गोबर गैस कैसे बनाये?

उर्जा का एक अन्य प्राकृतिक स्रोत जैव मात्रा अथवा बायोमास (Biomass) है। बायोमास क्या है? बायोमास शब्द का उपयोग जंतुओं एवं पादपों से प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के प्राकृतिक अवशिष्टो के अवशेष के लिए किया जाता है। जब बायोमास अपघटित होता है, तो यह मेथेन और हाइड्रोजन जैसी गैस […]

कोशिकीय श्वसन क्या होता है? और वायवीय और अवायवीय श्वसन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी

हमारे शरीर को कोई भी कार्य करने के लिए तथा वृद्धि और विकास के लिए, नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।  यह ऊर्जा हम जो भोजन खाते हैं उसकी कोशिकीय श्वसन प्रक्रिया के फल स्वरूप प्राप्त करते हैं। कोशिकीय श्वसन पादपों और जंतुओं दोनों में […]

आँख की कार्यप्रणाली: हमारी आँखे वस्तुओं को कैसे देख पाते हैं?, आंखों का रंग और अपवर्तन त्रुटि

जब तुम अपनी आँखें खोलते हो तो तुम एक रंगीन दुनिया देखते हो फूल, पक्षी, घर, किताबें, टेबल कुर्सी क्या तुम इन चीजों को गुप अंधेरे में देख सकते हो। तुम कहोगे कि बिना प्रकाश चीजों को देखना असंभव है। इसलिए अंधेरे में अक्सर हम चीजों से टकरा जाते हैं। […]