Chalazion (पलक की ग्रंथि में गांठ)
यह एक तरीके का meibomian gland में होने वाली पुरानी गैर संक्रामक गांठ है, जिसे की पालक की ग्रंथि में गांठ (Chalazion) कहते हैं। यह सामान्य किशोरावस्था में होती है।
कैसे होती है पलक में गांठ
आमतौर पर यह एक बैक्टीरिया द्वारा मेइबोमियन ग्रंथि में होने वाला हल्के ग्रेड का इंफेक्शन है, जब ग्रंथि की नाल (duct blocked) बंद हो जाती है तब अंदर का स्राव (secretion) बाहर नहीं निकल पाता जिस कारण ग्रंथि बड़ी होती जाती है, और वह पलक की गांठ बन जाती है। जिस कारण आसपास में भी इन्फेक्शन होना चालू हो जाता है।
पलक में गांठ होने का कारण
- आमतौर पर यह बच्चों और किशोरावस्था में होती है जिन पेशेंट की आंख में मांसपेशियों और चश्मे की नंबर की वजह से आंखों में थकावट रहती है।
- बार-बार आंखों को मसल रहे है या नाक में अंगुली डालकर आंखों पर लगा रहे हो और अगर आपकी आंखों में डैंड्रफ (Chronic blepharitis) या फिर शुगर के मरीज है तो आपकी आंखों में बार-बार पलक में गांठ हो सकती है।
- अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और शराब का सेवन करने से भी पलक की ग्रंथि में गांठ बार-बार हो सकती है।
- कई बार स्टेफिलोकोक्कस ओरिया बैक्टीरिया संपर्क में आने की वजह से भी यह हो सकती है।
Chalazion को कैसे पहचाने?
- पलक में बिना दर्द की सूजन होगी और वह दिखने में काफी बड़ी होगी यह सबसे मुख्य लक्षण है।
- इसके कारण पलक भी भारी हो जाएगी।
- अगर पालक की गांठ काफी बड़ी है तो दिखने में भी धुंधलात आ सकती है।
- अगर आप इसे देखोगे तो यह पलक पर उभरी हुई सी नजर आएगी और जब वापस इसे छूकर देखोगे तो एक तरीके की कठोर गांठ जैसी लगेगी। सबसे ज्यादातर यह ऊपरी पलक में होती है क्योंकि उसमें में मेइबोमियन ग्रंथि अधिक मात्रा में पाई जाती है नीचे वाले पलक के मुकाबले।
- पलक को पलट कर उसे अंदर की तरफ से देखेंगे तो जहां पर पलक में गांठ होगी उसे जगह पर लालपन हो जाएगा और थोड़ा उभरी हुई जगह लगेगी।
गांठ से होने वाली समस्याएं
कई बार तो यह है अपने आप ही मिट जाती है।
अधिकतर यह धीरे-धीरे बड़ी होती जाती है और काफी बड़ी हो जाती है।
कई बार तो इसमें इन्फेक्शन भी चालू हो सकता है।
बहुत ज्यादा कठोर भी हो सकती है।
इसके घातक परिणाम भी हो सकते हैं जैसे की यह गांठ कैंसर की भी बन सकती है यह आमतौर पर बुजुर्ग लोगों में देखी गई है
पलक की गांठ का इलाज
आमतौर पर जो छोटी गांठ होती है वह खुद व खुद ही मिट जाती है अगर वैसे ना हो तो इस पर हल्का गर्म सिखाओ करने से भी पलक पलक की गांठ खत्म हो जाती है।
सुपरा टार्सल इंजेक्शन पलक में लगाया जाता है जिससे पलक की गांठ ठीक हो जाती है।
अगर पलक की गांठ काफी बड़ी हो जाती है और वह इन सभी तरीकों से भी नहीं मिट रही तो सीधा सा उसके लिए छोटा चीरा लगाकर उसे बाहर निकालना पड़ता है।