आजकल देर रात में सोना और सुबह देरी से जागना लोगों की आदत बन चुकी है। यही कई बड़ी बीमारियों की वजह बन रही है। इसे मद्देनजर रखते हुए अर्ली राइजर और लेट राइजर एक बहस का मुद्दा बनता जा रहा है।
साइंटिस्ट अर्ली राइजर को ‘लार्क’ और लेट राइजर को ‘आउल’ निकनेम दे चुके हैं। दुनियाभर में इस मुद्दे पर काफी स्टडीज भी हो चुकी हैं। वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स के आधार पर निःसंदेह जल्दी जागने से ना सिर्फ हम फिट रहते हैं, बल्कि हार्ट अटैक, डायबिटीज, कैंसर और मानसिक बीमारियों से बचाव होता है। दूसरी तरफ, भी यह साबित नहीं हुआ है कि देरी से जागने वाले सभी लोग हैल्दी नहीं होते हैं। उनमें कुछ बीमारियां होने की आशंका ज्यादा रहती है।
सुबह जल्दी उठने के फ़ायदे
सुबह जल्दी जागने से घटता है ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा
ब्रेस्ट कैंसर एसोसिएशन कंर्सोटम की स्टडी के मुताबिक, सुबह जल्दी जागने से कैंसर का खतरा घटता है। नींद की अवधि और अनिद्रा (इन्सेम्निया) का इससे संबंध नहीं है।
इस स्टडी में नींद की क्वालिटी पर भी फोकस किया गया। बीसीएसी ग्रुप की इस स्टडी में पाया गया कि रात में सात-आठ घंटे से ज्यादा सोने पर महिलाओं में 19 परसेंट प्रति घंटे से कैंसर की रिस्क बढ़ती है।
वहीं, यह भी पाया गया कि देर रात काम करने वाली महिलाओं में मैलेटोनिन का स्तर बढ़ने के कारण हार्मोंस प्रभावित होते हैं, जो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा देते हैं।
इस स्टडी में यूके बॉयो बैंक ने भी सहयोग किया। यूके बॉयो बैंक की ओर से 1 लाख 80 हजार 216 महिलाओं को शामिल किया गया। बीसीएसी की ओर से इस स्टडी में 2 लाख 28 हजार 951 महिलाएं शामिल थी। दोनों ग्रुप की ओर से हुई इस स्टडी में करीब चार लाख महिलाओं को शामिल किया गया।
जल्दी जागने से महसूस नहीं होगी एंग्जाइटी
अर्ली और लेट राइजर में पॉजिटिव व निगेटिव का असर होता है। 17 अर्ली राइजर का रुटीन अच्छा होने के कारण वे ज्यादा हैल्दी रहते हैं, क्योंकि उन्हें वॉक, एक्सरसाइज, ब्रेकफास्ट का पूरा समय मिल पाता है। सुबह के वक्त इनका ब्रेन ज्यादा अलर्ट रहता है। एंग्जाइटी और उदासी नहीं रहने से मेंटल हैल्थ अच्छी रहती है। क्वालिटी ऑफ स्लीप बेहतर होने से इनमें मनन की क्षमता बढ़ती है। जबकि देरी से जागने वाले लोगों में निर्णय लेने की क्षमता गड़बड़ा जाती है। इनमें हार्ट प्रॉब्लम, वजन बढ़ना और डायबिटीज ज्यादा होती है। वहीं, सैक्सुअल ड्राइव कम हो जाती है। अर्ली राइजर की स्किन लेट राइजर की तुलना में ज्यादा हैल्दी होती है। लेट राइजर में उम्र का असर जल्दी दिखता है। इनमें डेथ की रिस्क भी तुलनात्मक ज्यादा होती है।
रात में देर से सोने के नुकसान
बिगड़ेगा इंसुलिन हॉर्मोन का लेवल
सुबह आठ बजे एंटी-इंसुलिन हॉर्मोन कार्टिसोल हाई लेवल पर 77 होता है। सुबह और मध्य रात्रि के समय यह हॉर्मोन कम हो जाता है। आधी रात के बाद जागने वाले लोगों में यह हॉर्मोन नेचुरल लेवल पर नहीं रहकर बढ़ जाता है। इसका लेवल लो नहीं रहने से इंसुलिन सेंस्टिविटी और ब्लड प्रेशर पर असर पड़ता है। जिससे डायबिटीज, हार्ट डिजीज और ब्लड प्रेशर की समस्याएं बढ़ती है।
वहीं, रात में नींद में ग्रोथ हॉर्मोन सीक्रेट होता है। स्लिप साइकिल डिस्टर्ब होने से ग्रोथ हॉर्मोन भी प्रभावित होता है। शरीर के रिपेयर मैकेनिज्म सिस्टम पर इसका असर पड़ने से बच्चे की ग्रोथ प्रभावित होती है। शुगर कंट्रोल करने में परेशानी होती है। सामान्य व्यक्ति में स्लिप और बॉडी क्लॉक डिस्टर्ब होने के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
Credit- डॉ. शैलेश लोढ़ा, एंडोक्रोनोलॉजिस्ट, जयपुर
कम सोने के नुकसान
नींद पूरी नहीं लेने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर इंफेक्शन के चांस बढ़ते हैं। कैंसर के साथ-साथ हार्ट पर ज्यादा दबाव बढ़ने से अटैक की संभावना बढ़ती है। दिमाग डल रहने से चीजें जल्दी भूलते हैं और कंसंट्रेशन नहीं रहता है। वे एक्सीडेंट प्रोन ज्यादा होते हैं।
Credit- डॉ. ललित बत्रा, मनोचिकित्सक, जयपुर