इस तरह होता है कागज का पुनः चक्रण और ऐसे बनाया जाता है नया कागज।

क्या आप जानते हैं कि कागज बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी के लिए रोजाना कितने पेड़ और जंगल काटे जाते हैं?

कागज का पुनः चक्रण

हम सब जंगल व पेडो को बचाने में अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं, कागज के पुनः चक्र के द्वारा।

कागज का पुनः चक्र पुरानी तथा खराब कागज को इकट्ठा कर उसे नया कागज बनाने की प्रक्रिया है। कागज के पुनः चक्र से निपटान की जगह बचती है और प्रदूषण कम होता है।

आइए जानते हैं कि कागज का पुनः चक्रण कैसे किया जाता है?

भारत में कई स्थानीय व्यापारी जिन्हें रद्दी वाला कहा जाता है। वह घर घर जाकर कागज के पुनः चक्रण के लिए पुरानी कागज व रद्दी इकट्ठा करते हैं। यह कागज फिर पुनः चक्रण संयंत्र में भेज दिया जाता है।

संग्रहण के बाद  कागज और गत्तो का ग्रेक और गुणवत्ता के आधार पर छांटा जाता है तथा दूषित पुनः चक्रण के लिए कागज हटा दिया जाता है। कागज को पेपर मिलो में भेज दिया जाता है, जहां पर उन्हें गोदाम में संरक्षित कर रखा जाता है। 

पल्पिंग

गोदाम में कागज को पलपर तक लाया जाता है, जोकि एक बड़े ड्रम के आकार का होता है। जिसने पानी तथा रसायन होते हैं। पलपर के अंदर कागज को सेल्यूलोज (cellulose) रेशों नामक महीन लुगदी में तोडा जाता है।

 

NOTE:- क्या आप जानते हैं कि इकट्ठे किए गए सेल्यूलोज रेशु से विश्व का आधे से अधिक नया कागज तथा गत्ता बनता है।

 

अपकेंद्रीय सफाई यंत्र में लुगदी को दुषको से मुक्त किया जाता है और बड़े संधूषको को हटाने के लिए छेदो वाली जाली का उपयोग किया जाता है।

 

स्याहीमुक्त, परिष्कृत और ब्लीचिंग करना

प्रथक करने के लिए लुगदी को रसायन से धोया जाता है। हवा और साबुन जैसे पदार्थों को लुगदी निषेचित (fertilize) किया जाता है।

स्याही हवा के बुलबुलो से चिपक जाती है जिससे कि स्याहीयुक्त झाग अथवा फेन बनता है जोकि सतह पर तैरता रहता है फिर उसे वहां से हटा लिया जाता है। इसके बाद साफ लुगदी रह जाती है। इस प्रक्रिया को स्याहीमुक्त करना कहते हैं।

लुगदी को मशीन से कुटकर परिष्कृत किया जाता है इससे पुनः चक्रित रेशे फूलकर प्रथक रिशु में विभक्त हो जाते हैं। यदि इकट्ठी की गई लुगदी रंगीन है तो रंगीन कागज में से रंग को अलग करने के लिए रसायन का उपयोग किया जाता है।

 

NOTE: सफेद पुनः चक्रित कागज प्राप्त करने के लिए लुगदी को रसायन जैसे हाइड्रोजन पराऑक्साइड अथवा क्लोरीन हाइड्रोक्साइड से ब्लीच किया जाता है।

 

पुनः चक्रित रेशों को नई लकड़ी से बनी अतिरिक्त लुगदी से मजबूत बनाया जा सकता है परिष्कृत लुगदी में से अतिरिक्त नमी को हटाने के लिए निरंतर चलती वायर स्क्रीन डाला जाता है। उसके बाद उसे वहां से उठा कर वाष्प से गर्म रोलर से सुखाया और चपटा किया जाता है। अंत में सूखे कागज को बड़ी चकरीयों में घुमाकर रख दिया जाता है। फिर ही हमारी कॉपी व पुस्तके बनती है।

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