क्या तुम्हें पता है कि ये फल और सब्जियों जैविक खेती से आती है।
अब तुम सोच रही होंगे कि जैविक खेत से तुम्हारा क्या मतलब है।
हम सभी ने स्कूल में खेतों और खेती के बारे में सीखा है। क्या ये पारंपरिक खेती करने से अलग होता है?
जैविक खेती क्या होती है?
बिल्कुल जैविक का अर्थ होता है किसी भी तरह के कृत्रिम के उपयोग के बिना उत्पादन करना।
यह जैविक खेत मिट्टी को या उसके आसपास के वातावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
आओ मैं तुम्हें जैविक खेती पर एक डॉक्यूमेंट्री दिखाता हूं-
नमस्कार मेरा नाम श्री जोशी है। मैं पिछले 15 वर्ष से जैविक खेती कर रहा हूं। यह मेरा खेत है। मैं अपने खेत में फल और सब्जियां उगाता हूं।
यहां आम, बैगन, आलू और फूलगोभी के बागानों को देखिए। ज़रा मिटटी को देखिए।
मृदा उर्वरता में सूक्ष्मजीवों की क्या भूमिका है?
आप ध्यान देंगे कि ये मिट्टी नरम और स्पंजी है। कीड़े, केंचुए और घोंघे प्रत्येक दिन मिटटी को खोदते हैं जिससे उसमें कवक, शैवाल और जीवाणु जैसे सूक्ष्म जीवों की मात्रा बढ़ जाती है। यह न केवल उस मिट्टी की उर्वरता और नमी को कायम रखते हैं, बल्कि पौधों को हानिकारक कीड़ों और घास फूस से भी बचाते हैं।
दूसरी ओर पारंपरिक किसान प्राकृतिक रूप से आने वाले सूक्ष्म जीवों को मारने के लिए मिट्टी को रासायनिक कीटनाशकों से धुआं-धुआं कर देता है।
प्राकृतिक रूप से मिट्टी की उर्वरता कैसे बढ़ाते है?
बीजों की बुवाई होने पर किशान मिट्टी को भरपूर और स्वस्थ बनाने के लिए केवल प्राकृतिक उर्वरक जैसे कि गोबर की खाद और कंपोस्ट डाल देते है।
पारंपरिक किसान मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरक डाल देगा और कीड़ों को दूर रखने के लिए शाक नाशकों का अलग से छिड़काव करेगा।
खरपतवार हटाने की प्रक्रिया
जैविक किसान जानवरों के उपयोग द्वारा घास फूस को हटाएगा या फावड़े के उपयोग द्वारा हाथों से घास फूस हटाएगा।
पौधों के बड़ा होने पर पारंपरिक किसान घास फूस नाशक का छिड़काव करना आरंभ कर देता है।
फसल चक्र किसे कहते हैं?
फसल की रोटेशन पद्धति का प्रयोग भी किया जाता है। वर्ष भर एक ही फसल नहीं उगाई जाती है। कुछ पौधों को पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और कुछ पौधे पोषक तत्व मिट्टी में डालते हैं। इस सिद्धांत पर आधारित फसलों की अदला बदली मिट्टी की उर्वरता को कायम रखने में सहायक होती है।
गौशाला में गायों को जैविक चारा खिलाया जाता है जिसके बदले में वे जैविक दूध देती हैं।
जब पारंपरिक खेतों से फल और सब्जियां खाने के लिए तैयार हो जाएंगी तब कल्पना कीजिएगा उन कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के बारे में जिन्हें फलों द्वारा अवशोषित किया गया होगा। कल्पना कीजिए आप का क्या होगा यदि आप कभी इन फलों को खाएंगे।
जैसा हम खाते हैं हम वैसे हो जाते हैं तो मूल रूप से हम सारे कीटनाशक और रासायनिक उर्वरक अवशोषित करते हैं जो हमें बीमार कर सकते हैं।
बहुत बढ़िया अब आपको पता है क्या खाना है जैविक होना बुरा नहीं है स्वस्थ लोग और प्रदूषण मुक्त वातावरण।