इंसान पृथ्वी के अंदर कितनी गहराई तक पहुंच पाया है? चलो तो करते है पृथ्वी के केंद्र तक की सैर और यें है पृथ्वी की परतों के नाम

पृथ्वी पर है हमारा सुन्दर सा घर यहां मौजूद है ऊँचे-ऊँचे पहाड़, मैदान, घाटियां और रेगिस्तान सुन्दर नदियां और विशाल समंदर। क्या तुमने कभी सोचा है कि हमारी इतनी बड़ी गोल पृथ्वी के अंदर क्या है।

अगर तुम जमीन खोदते जाओ तो पृथ्वी के अंदर क्या मिलेगा। पत्थर, अजीबो गरीब जानवर या पाताल राक्षस! अरे डरो नहीं ऐसा कुछ नहीं है।

पहले लोग मानते थे कि जमीन के नीचे डरावना पाताल है पर वैज्ञानिकों की खोज के कारण अब हम जानते हैं कि पृथ्वी के अंदर क्या है।

पृथ्वी की परतों के नाम

हमारी पृथ्वी अलग अलग परतों से मिलकर बनी है-

  1. भूपर्पटी या Crust
  2. मैंटल (Mental)
  3. बाहरी क्रोड या Outer core
  4. आन्तरिक क्रोड या Inner core
  • भूपर्पटी या Crust

पृथ्वी के सबसे ऊपर की परत ठोस है जिसे भूपर्पटी या Crust कहते हैं। हम सभी इसी के ऊपर रहते हैं। यह भूपर्पटी कहीं पतली है और कहीं मोटी, मगर यह पृथ्वी की बहुत ही पतली परत है। लगभग 70 किलोमीटर मोटी। दरअसल पृथ्वी इतनी बड़ी है कि उसके आकार के सामने 70 किलोमीटर की लंबाई बहुत ही छोटी है।

 

  • मैंटल (Mental)

भूपर्पटी के नीचे 2900 किलोमीटर मोटी गर्म पत्थरों की एक ठोस परत है, जिसे मैंटल (Mental) कहते हैं। मैंटल के ऊपरी हिस्से में कुछ जगहों पर पत्थर पिघले हुए हैं। आग और धुआं उगलते ज्वालामुखी का लावा यहीं से आता है।

 

  • बाहरी क्रोड या Outer core

मैंटल के नीचे है बाहरी क्रोड या Outer core। ये बेहद गर्म है और 2200 किलोमीटर चौड़ा है। यहां लोहा और निकल धातु पिघली हुई अवस्था में मौजूद रहते हैं। इसे तुम बहुत ही गाढ़े लावे का एक समंदर समझो।

 

  • आन्तरिक क्रोड या Inner core

पहले वैज्ञानिक मानते थे कि पृथ्वी इन तीनों परतों से बनी है यानी सबसे बाहर एक ठोस खोल, उसके अंदर एक मोटी ठोस परत और सबसे अंदर गाढ़ा पिघला हुआ केंद्रीय हिस्सा बाद में डेनमार्क की महिला वैज्ञानिक इंगे लेहमन ने अध्ययन करके खोज निकाला कि पृथ्वी के सबसे अंदर 1250 किलोमीटर मोटी एक और परत है। इस परत को आन्तरिक क्रोड या Inner core कहते हैं और यह ठोस धातुओं का एक गर्म गोला है।

 

इंसान पृथ्वी के अंदर कितनी गहराई तक पहुंच पाया है?

क्या तुम जानते हो कि इंसान पृथ्वी के अंदर कितनी गहराई तक पहुंच पाया है। दुनिया के सबसे गहरी खदानें दक्षिण अफ्रीका में हैं। सोने की तलाश में इंसान चार किलोमीटर गहरी खुदाई तक कर चुका है। दुनिया की सबसे गहरी खाई मर्यादा ट्रेंच प्रशांत महासागर में है और वह लगभग 11 किलोमीटर गहरी है। दुनिया का सबसे गहरा गड्ढा रूस में है। लगातार 20 साल की मेहनत के बाद रूसी इंजीनियरों की मशीनें सिर्फ 12 किलोमीटर गहराई तक ही पहुंच पाई हैं। इस सतह से पृथ्वी के केंद्र तक की गहराई तो 6 हजार 300 70 किलोमीटर है। अब शायद तुम्हारे मन में एक सवाल आया होगा कि अगर पृथ्वी के अंदर केवल 12 किलोमीटर तक पहुंचे हैं तो वैज्ञानिकों को ये कैसे पता चला कि पृथ्वी के अंदर कितने किलोमीटर पर क्या है कौनसी पर ठोस है कौन सी पिघली है। पर ये अपने आप में एक मजेदार कहानी है जिसे हम अगले भागों में देखेंगे।

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