नींद नहीं आ रही तो अपनाएं यें तरीके
लोग सोने के लिए बिस्तर पर देरी से जा रहे हैं और सामान्य दिनों की तुलना में अधिक समय तक बिस्तर पर लेटे रहते हैं, जिससे उनका सर्केडियन रिदम बिगड़ गया है। खराब नींद के कारण कमजोर इम्यूनिटी, क्रोनिक डिजीज जैसे कि डिप्रेशन, टाइप-2 डायबिटीज और हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में 6 घंटे से कम नींद होने पर डिमेंशिया का खतरा अधिक होता है। शोध बताते हैं कि महामारी में लोगों का स्लीप ड्यूल बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में बेहतर नींद के लिए कुछ नियमों को अपनाया जा सकता है।
1.25 मिनट तक नींद न आए, तो बिस्तर छोड़ दें
बिस्तर पर लेटने के बाद यदि 25 मिनट तक नींद नहीं आती है या फिर रात में नींद टूटने के बाद यदि 25 मिनट तक नींद नहीं आती है तो बिस्तर पर लेटे न रहें।
ऐसा करने पर दिमाग को यह लगने न लगता है कि बिस्तर पर लेटे रहने के बावजूद जाग सकते हैं। इस चक्र को तोड़ें। हल्की स्ट्रेचिंग कर सकते हैं।
हल्की रोशनी में कोई मैगजीन पढ़ें। डीप बीदिंग एक्सरसाइज करें। जब उनींदापन आने लगे तो सोने जाएं।
2. सोने के पहले चिंताओं को डस्टबिन में डाल दें
यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया के पेरेलमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन में एसोसिएट प्रोफेसर और स्लीप मेडिसन डॉक्टर इलीन एम रोसेना के अनुसार सोने के 2 घंटे पहले एक खाली पेज लेककर बैठ जाएं।
अब दिमाग में चल रहे सारे विचारों को इस पर लिख लें। खासकर उन्हें जो आपको अगले दिन करने हैं और परेशान कर रहे हैं। जब पूरे विचार लिख जाएं तो कागज को मरोड़कर उसे कूड़ेदान में फेंक दें। यह एक संकेतिक प्रक्रिया है जो विचारों को दूर कर दिमाग को शांत करती है।
3. सूरज की रोशनी और 30 मिनट एक्सरसाइज
यह नींद के लिए टॉनिक क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और ‘पावर ऑफ ह्वेन’ के लेखक माइकल ब्रूस के अनुसार प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट सन लाइट जरूर लें।
जब सन लाइट आंखों पर पड़ती है तो दिमाग को एक सिग्नल भेजती है, जिससे नींद लाने वाले हार्मोन मेलाटोनिन का स्राव बंद हो जाता है।
वहीं लगभग 13 अध्ययनों में पाया गया है यदि प्रतिदिन 30 मिनट एक्सरसाइज की जाए तो गंभीर इंसोम्निया से पीड़ित व्यक्ति को भी तुलनात्मक रूप से 13 मिनट तेजी से नींद आती है। साथ ही एक्सरसाइज रुटीन शुरू करने के दौरान वह 20 मिनट ज्यादा सोता है।
4. बेड टाइम में स्क्रीन के लिए 10 मिनट स्टैंड रूल
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बेकले में न्यूरोसाइंस और साइकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. मैथ्यू वॉकर के अनुसार बेड टाइम के समय मोबाइल का इस्तेमाल नींद के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक है।
ऐसे में सोने के समय यदि आपको मोबाइल इस्तेमाल करना ही है तो 10 मिनट स्टैंडिंग रूल अपनाएं। बेड टाइम के बाद जब भी आप मोबाइल का उपयोग करें खड़े हो जाएं।
इसके बाद जब लेटने या बैठने का मन करे मोबाइल को दूर कर दें। आप पाएंगे कि 10 मिनट बाद ही आपका लेटने का मन करने लगेगा।