पवन उर्जा क्या है?
ऊर्जा का एक प्राकृतिक स्रोत पवन है और 2021 में पवन ऊर्जा में भारत चोथें स्थान पर है।
यह ऊर्जा पवन चक्कियों का उपयोग करते हुए दोहन की जा सकती है। एक पवन चक्की बहुत कम मात्रा में बिजली का उत्पादन कर पाती है, इसलिए बड़े पैमाने पर पवन चक्कियों को क्रम में लगाया जाता है ताकि हमारे उपयोग के लिए पर्याप्त मात्रा में विद्युत उत्पादित की जा सके। यह क्षेत्र पवन ऊर्जा फार्म कहलाते है।
पवन चक्की की संरचना
पवन चक्की की संरचना किसी बड़े विद्युत पंखे की तरह होती है, जिसे एक दृढ़ आधार पर खड़ा किया जाता है। पवन की गतिज ऊर्जा पवन चक्की के ब्लेड्स को घुमाती है। इससे विद्युत जनरेटर की धुरी घूमने लगती है। जिससे बिजली का उत्पादन होने लगता है।
फिर यह विद्युत ट्रांसफार्मर तक पहुंचाई जाती है। ट्रांसफार्मर विद्युत ऊर्जा को एक परिपथ से अन्य परिपथ में अपेक्षित वोल्टता पर स्थानान्तरित कर देता है।
अंत में विद्युत को ग्रिडों पर भेजा जाता है। जहां से घरेलू और वाणिज्यिक उपयोगों के लिए उसका वितरण किया जाता है।
पवन उर्जा के लाभ और हानि
पवन ऊर्जा प्रदूषण रहित स्रोत है। इसके लिए बार बार व्यय करने की आवश्यकता नहीं रहती। जैसे कि कोयले आदि संसाधनों के लिए। क्योंकि ऊर्जा के स्रोत के रूप में यह मुफ्त में उपलब्ध है। जहां भी पर्याप्त मात्रा में पवन चलते हों वहां पर पवन चक्कियों को स्थापित किया जा सकता है।
विद्युत उत्पादन करने के लिए पवन की न्यूनतम चाल 15 किलोमीटर प्रति घंटा होना चाहिए।
पवन ऊर्जा फार्मों का निर्माण बहुत महंगा पड़ सकता है। जब पवन न चल रही हो तब ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए आपको वैकल्पिक प्रणाली की व्यवस्था करनी पड़ती है।