रंगीन दुनिया: चीज़े हमें रंगीन क्यों दिखाई देती है? और हमारी आँखे कितने रंगों को देख सकती है?

एक रंगीन दुनिया या चीज़े हमें रंगीन क्यों दिखाई देती है?

 

हम रंगों को क्यों देखते हैं?  घास हरी क्यों दिखाई देती है?

तुम ये बात पहले से जानते हो कि सफेद रंग की रोशनी अलग-अलग रंगों से मिलकर बनी होती है।  क्योंकि तुम्हें पता है कि जब सफेद रोशनी एक प्रिज्म से होकर गुजरती है तो हमें सात रंग मिलते हैं।

 

जब यह सभी सात रंग आपस में मिलते हैं, तो हमें सफेद रंग की रोशनी मिलती है।

लेकिन अगर सफेद रोशनी से हम कुछ रंग निकाल दें और फिर कुछ ही रंगों को मिलाएं, तो हमें सफेद की जगह कुछ अलग ही रंग दिखाई देते हैं।

आखें कितने रंगों को देख सकती हैं?

हमारी आखें तीन तरह के रंगों को देख सकती हैं।

लाल, हरा और नीला

 

जो रोशनी हमारी आखों तक पहुंचती है, उसमें भी तीनों रंग बराबर मात्रा में मौजूद होते हैं, तब ये रंग हमें दिखाई देता है वो है सफेद।

जब नीले रंग की मात्रा थोड़ी कम होती है, तब हमें जो रंग दिखाई देता है वो है पीला।

जब नीला और हरा बिल्कुल भी मौजूद नहीं होते तो हमें लाल रंग दिखाई देता है। क्योंकि उस समय सिर्फ लाल रंग की रोशनी हमारी आँखों तक पहुंच रही होती है।

 

घास हरी क्यों दिखाई देती है?

घास हरी इसलिए दिखाई देती है, क्योंकि यह हरे रंग को छोड़कर बाकी सभी रंगों को सोख लेती है और केवल हरे रंग को परावर्तित करती है और ये वही हरा रंग है जो हमें दिखाई देता है।

 

फिर टमाटर लाल क्यों दिखता है?

तुम इसका उत्तर जानते हो क्योंकि ये लाल को छोड़कर प्रकाश के बाकी सभी रंगों को सोख लेता है और ये लाल रंग परावर्तित होकर हमारी आँखों तक पहुँचता है।

 

अभी यहां कुछ दिमागी सवाल है-,

एक अंधेरे कमरे में टमाटर का रंग क्या होता है?

अगर मेरी कमीज़ नीले रंग को छोड़कर बाकी सभी रंगों को सोख लेती है, तो इसका रंग क्या होगा?

एक काले रंग का कागज़ काला क्यों दिखता है?

 

जरा इसके बारे में सोचें तो और उत्तर दें।

 

आगे हम जानेंगे कि आकाश नीला क्यों है।

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