नाइट्रोजन स्थिरीकरण
पोधों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण का महत्व
पौधों के विकास के लिए प्रोटीन का संश्लेषण करने के लिए नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है।
पौधे वायुमंडलीय नाइट्रोजन का प्रत्यक्ष रूप से उपयोग नहीं कर सकते।
नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु
राइजोबियम (Rhizobium) या नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु जो मिट्टी में रहते हैं, फलीदार पौधों के साथ सहजीवन संबंध or symbiotic relationship बनाते हैं।
फलीदार पौधों के नाम
फलीदार पौधों में काबुली चना, मूंगफली, मटर, तूर, सोयाबीन, शीशम, सनई शामिल हैं।
यह bacteria फलीदार पौधों की जड़ों को संक्रमित करते हैं और जड़ ग्रंथिकाएं यानि nodule बनाते हैं, जो bacteria के रहने की जगह बन जाती है
ग्रंथियों में जीवाणु नाइट्रोजन को इस तरह स्थिर करते हैं कि पौधे इनका उपयोग करके बदले में इन्हें कार्बोहाईड्रेट प्रदान करें
गैर फलीदार पौधों के साथ फलीदार पौधों के चक्रण के द्वारा कृषक नाइट्रोजन स्थिरीकरण का फायदा उठाते हैं। मिट्टी में बची हुई ग्रंथीकाएं मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है और artificial fertilizers के उपयोग को कम करती है।