गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत: पवन चक्की से पवन ऊर्जा और बायो-मास से बायो गैस का निर्माण

जीवाश्म ईंधन तथा लकड़ी इत्यादि परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के उपयोग का विकल्प खोजने की तत्काल आवश्यकता है क्योंकि ये समाप्त हो रहे हैं।

हमें ऊर्जा के अन्य गैर परंपरागत स्रोतों पर निर्भरता बढ़ानी होगी और उनका लाभदायक उपयोग करने के उपाय खोजने होंगे।

गैर परंपरागत ऊर्जा के स्रोत

  • पवन ऊर्जा
  • बायो-मास या गोबर गैस

पवन ऊर्जा तथा बायो-मास से ऊर्जा इन दिनों गैर परंपरागत ऊर्जा के सबसे सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले स्रोत बन गए हैं।

आइए कुछ समय देकर इसे समझें कि किस तरह से ऊर्जा के ये गैर परंपरागत स्रोत हमारे उपयोग के लिए बिजली और ईंधन उत्पन्न करते हैं।

 1. पवन ऊर्जा

पवन ऊर्जा का एक प्राकृतिक स्रोत है। यह ऊर्जा पवन चक्कियों का उपयोग करते हुए दोहन की जा सकती है।

एक पवन चक्की बहुत कम मात्रा में बिजली का उत्पादन कर पाती है इसलिए बड़े पैमाने पर पवन चक्कियों को क्रम में लगाया जाता है ताकि हमारे उपयोग के लिए पर्याप्त मात्रा में विद्युत उत्पादित की जा सके।

पवन ऊर्जा से बिजली का उत्पादन

ये क्षेत्र पवन ऊर्जा फार्म कहलाते हैं। पवन चक्की की संरचना किसी बड़े विद्युत पंखे की तरह होती है जिसे एक दढ़ आधार पर खड़ा किया जाता है।

पवन की गतिज ऊर्जा पवन चक्की के ब्लेड्स को घुमाती है। इससे विद्युत जनरेटर की धुरी घूमने लगती है। जिससे बिजली का उत्पादन होने लगता है। यह विद्युत ट्रांसफार्मर तक पहुंचाई जाती है।

ट्रांसफार्मर से विद्युत ऊर्जा को एक परिपथ से अन्य परिपथ में अपेक्षित वोल्टता पर स्थानांतरित कर देता है। अंत में विद्युत को ग्रिडों पर भेजा जाता है जहां से घरेलू और वाणिज्यिक उपयोगो के लिए उसका वितरण किया जाता है।

पवन ऊर्जा के फ़ायदे

  •  पवन ऊर्जा का प्रदूषण रहित स्रोत है।
  •  कोयले जैसे आदि संसाधनों के लिए बार बार व्यय करने की आवश्यकता नहीं रहती।
  •  क्योंकि ऊर्जा के स्रोत के रूप में यह मुफ्त में उपलब्ध है।
  • जहां भी पर्याप्त मात्रा में पवन चलते हों वहां पर पवन चक्कियों को स्थापित किया जा सकता है।

पवन ऊर्जा के दोष

  •  विद्युत उत्पादन करने के लिए पवन की न्यूनतम चाल 15 किलोमीटर प्रति घंटा होना चाहिए।
  •  पवन ऊर्जा फार्मों का निर्माण बहुत महंगा पड़ सकता है।
  • जब पवन न चल रही हो तब ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए आपको वैकल्पिक प्रणाली की व्यवस्था करनी पड़ती है।

2. बायो-मास या गोबर गैस

 ऊर्जा का एक अन्य प्राकृतिक स्रोत जैव मात्रा अथवा बायो-मास है। बायो-मास शब्द का उपयोग जंतुओं एवं पादपों से प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के प्राकृतिक अपशिष्टों के लिए किया जाता है।

जब बायो-मास अब घटित होता है तो यह मीथेन एवं हाइड्रोजन जैसी गैसें उत्पन्न करता है। ये बायो गैसें कहलाती हैं। मीथेन बहुत उपयोगी गैस है और घरेलू ईंधन के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।

बायो-मास से बायो गैस का उत्पादन

  • आइए किसी बायोगैस संयंत्र में बायो गैस निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी करें। बायो गैस संयंत्र को भूमिगत रूप से निर्मित किया जाता है और इसमें प्रवेश और निर्गम टंकियां होती हैं।
  • बायो-मास को इन टैंकों में रासायनिक अपघटन कराकर उपयोगी गैसों का उत्पादन किया जाता है। भूमि के ऊपर कर्दम अथवा स्लरी टैंक बनाया जाता है जिसमें बायो-मास के संघटक एकत्रित होते हैं।
  • सभी प्रकार के जंतु अपशिष्ट सब्जियों के अपशिष्ट वाहिद मल तथा जल को कर्दम टैंक में डाला जाता है।
  • स्लरी प्रवेश से गुजरकर पचित्र या डाइजेस्टर टैंक में आता है जो एक सील किया हुआ कक्ष होता है और इसमें आक्सीजन नहीं होती। यहां स्लरी अपघटित होकर बायो गैस उत्पन्न करता है।
  • अपघटन की दर अपशिष्ट पदार्थ के प्रकार टैंक में जीवाणुओं की संख्या और तापमान पर निर्भर होती है।
  • निर्मित होने वाली बायोगैस को डाइजेस्टर यासंपा चित्र टैंक के गुम्बद में एकत्र किया जाता है। इसे पाइपों के जरिए बाहर निकाला जाता है और विभिन्न उद्देश्यों से उपयोग किया जाता है।
  • बायो गैस का दाम प्रयुक्त स्लरी को ओवरफ्लो बहाव टैंक में धकेल देता है जिसे एकत्र कर लिया जाता है और खाद के रूप में उपयोग में लाया जाता है।

 बायो-मास के फ़ायदे

  • मीथेन एक महत्वपूर्ण ईंधन है जिसकी ऊष्मा दक्षता उच्च होती है।
  •  इसे बायो-मास से प्राप्त किया जा सकता है जो कि हर कहीं आसानी से उपलब्ध होता है।
  • बायो-गैस उत्पादन अपशिष्ट निबटान की एक सुरक्षित एवं दक्ष विधि है जो ऊर्जा और खाद प्रदान करता है।

 बायो-मास के दोष

  • बायो गैस संयंत्र में उत्पन्न होने वाली संदूषित गैसें संक्षरी हो सकती हैं।
  • गैस उत्पादन की दर पर नियंत्रण नहीं होता है क्योंकि बायो-मास को बायो गैस में परिवर्तित करने वाले विभिन्न मानदंड दक्षता पूर्वक नियंत्रित नहीं किए जा सकते।

 

प्रश्न.1 बायोगैस प्लांट से निकली स्लरी को कैसे पॉम खाद में कन्वर्ट किया जाए?

उत्तर.बायो गैस का दाम प्रयुक्त स्लरी को ओवरफ्लो बहाव टैंक में धकेल देता है जिसे एकत्र कर लिया जाता है और खाद के रूप में उपयोग में लाया जाता है।

प्रश्न.2 पवन ऊर्जा के लिए वायु का न्यूनतम वेग यह होना चाहिए

उत्तर. पवन ऊर्जा के लिए वायु का न्यूनतम वेग 15 किलोमीटर प्रति घंटा होना चाहिए।

प्रश्न.3 बायोगैस में गैस कितने दिन मै कैसे तैयार होता है?

उत्तर. बायो-मास को स्लरी टैंक में प्रवेस करते हें इसमें आक्सीजन नहीं होती। कुछ दिन तक इसे स्लरी टैंक में रखने के बाद स्लरी अपघटित होकर बायो गैस उत्पन्न करता है।

प्रश्न.4 गोबर गैस बनाने की मशीन

उत्तर. गोबर गैस बनाने की कोई मशीन नही होती । गोबर गैस को भूमिगत रूप से निर्मित किया जाता है

इसे हम घर पर भी बना सकते हँ।

प्रश्न.5 बायोगैस उत्पादन में कितने पद होते हैं?

उत्तर. बायोगैस उत्पादन में 7 पद होते है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *