बायोमास (Biomass) और बायो-गैस (Bio Gas) और घर पर गोबर गैस कैसे बनाये?

उर्जा का एक अन्य प्राकृतिक स्रोत जैव मात्रा अथवा बायोमास (Biomass) है।

बायोमास क्या है?

बायोमास शब्द का उपयोग जंतुओं एवं पादपों से प्राप्त होने वाले सभी प्रकार के प्राकृतिक अवशिष्टो के अवशेष के लिए किया जाता है। जब बायोमास अपघटित होता है, तो यह मेथेन और हाइड्रोजन जैसी गैस उत्पन्न करता है। यह बायोगैस कहलाती है।

बायोगैस में कौन सी गैस होती है?

मीथेन बहुत उपयोगी गैस है और घरेलू इंधन के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है। बायोगैस में मीथेन गैस होती है। इसे गोबर गैस भी कहते हैं।

 

आइए किसी बायोगैस संयंत्र में बायोगैस के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी करें।

बायो-गैस संयंत्र

बायोगैस संयंत्र को भूमिगत निर्मित किया जाता है और इसमें प्रवेश और निर्गम टंकियां होती है। बायोमास को इन बैंकों में रसायनिक अपगठन कराकर उपयोगी गैसों का उत्पादन किया जाता है।

कर्दम टैंक

भूमि के ऊपर कर्दम अथवा स्लरी टैंक बनाया जाता है। जिसमें बायोमास के संघटक एकत्रित होते हैं सभी प्रकार के जंतु अवशिष्ट, सब्जियों के अवशिष्ट, वाहित मल तथा जल को कर्दम टैंक में डाला जाता है।

स्लरी प्रवेश से गुजर कर पाचीत्र या डाइजेस्टर टैंक में आता है।

डाइजेस्टर टैंक

डाइजेस्टर टैंक एक सील किया हुआ कक्ष होता है और इसमें ऑक्सीजन नहीं होती। यह स्लरी अब गठित होकर बायोगैस उत्पन्न करता है। अपघटन की दर अवशिष्ट पदार्थ के प्रकार टैंक में जीवाणुओं की संख्या और तापमान पर निर्भर होती है। निरमुक्त होने वाली बायोगैस को डाइजेस्टर या संपाचित्र टैंक के गुंबद में एकत्रित किया जाता है। इससे पाइपों के जरिए बाहर निकाला जाता है और विभिन्न उद्देश्यों से उपयोग किया जाता है।

निर्गम टैंक

बायोगैस का दाब प्रयुक्त स्लरी को ओवरफ्लो बहाव टैंक में धकेल देता है। जिसे एकत्रित कर लिया जाता है और खाद के रूप में उपयोग में लाया जाता है।

गोबर गैस या बायोगैस के लाभ और हानि

बायोगैस के लाभ 

मीथेन एक महत्वपूर्ण इंधन है। जिसके उसमें दक्षता उच्च होती है। इससे बायोमास से प्राप्त किया जा सकता है। जो हर कहीं आसानी से उपलब्ध होता है।

बायो गैस उत्पादन अवशिष्ट नेपदान की एक सुरक्षित व दक्ष विधि है, जो ऊर्जा और खाद्य प्रदान करता है। 

बायोगैस से हानि

बायोगैस संयंत्र में उत्पन्न होने वाली सनदूषित गैसे संक्षारी हो सकती है।

गैस उत्पादन की दर पर नियंत्रिण नहीं होता है। क्योंकि बायोमास को बायोगैस में परिवर्तित करने वाले विभिन्न मानदंड दक्षिता पूर्वक नियंत्रित नहीं किए जा सकते।

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