जब कभी तुम बीमार पड़ते हो तब डॉक्टर के पास जाते हो।
तब डॉक्टर तुम्हारी आंखें जीभ और हाथ को देखता है
क्या तुम जानते हो कि वह क्या देखता है
असल में वे हमारी आंखों और जीभ मैं खून की कमी को जांचता है शरीर में खून की कमी कैसे पहचाने यह जानने के लिए यहां पढ़ें
पल्स रेट क्या है?
डॉक्टर हमारे हाथ से पल्स रेट नापते है
अब तुम सोच रहे होंगे कि यह पल्स रेट क्या है?
हमारा हृदय रक्त को खास दबाव के साथ पंप करता है और वह धमनियों द्वारा पूरे शरीर में जाता तब धमनियों धक-धक करती है और इसी को नाप कर हम पल्स रेट का पता लगाते हैं।
घर पर पल्स रेट कैसे नापे?
इसे आप भी नाप सकते हैं तो चलिए नापते हैं-
पल्स रेट ना अपना कोई बड़ी बात नहीं है इसे आप घर पर आसानी से नाप सकते हैं
पल्स रेट नापने से पहले यह ध्यान रखें कि व्यक्ति कहीं से भाग कर नहीं आया हो या उसकी सांसे तेज नहीं चल रही हो, और वह पिछले 5 मिनट से आराम की स्थिति में हो।
अब उसके दाएं हाथ को कलाई के पास से पकड़े और बीच से आधा इंच अंगूठे की तरफ अपनी बीच की उंगली और अंगूठे की पास की अंगुली से हल्का दबाएं।
अब ध्यान दे धक-धक महसूस हो रहा होगा। यही पल्स है।
सामान्य पल्स रेट कितनी होनी चाहिए? (pulse rate kitni honi chahiye)
अब घड़ी में देखकर 1 मिनट तक पल्स को गिने।
अगर यह 70 के आसपास है तो सामान्य है।
और यदि 60 और 90 के बीच है तो भी सामान्य ही है घबराने की कोई बात नहीं है।
लेकिन अगर यह 90 से ऊपर और 60 से नीचे है तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
कम और ज्यादा पल्स रेट को क्या कहते हैं?
जब पल्स रेट 60 से धीरे हो जाती है तब उसे ब्रैडीकार्डिया (Bradycardia) कहते हैं और यदि, 90 से ज्यादा, टैकीकार्डिया (Tachycardia) कहते हैं।
पल्स रेट बढ़ने और घटने का कारण
दौड़ता, अचानक डर जाना, मेहनत आदि समय में दिल की धड़कन बढ़ जाती है जिससे पल्स रेट भी बढ़ जाती है।
और जब हम आराम की स्थिति में होते हैं तब पल्स रेट सामान्य गतिविधि करने लगती है।
अब आप भी सीख गए होंगे की पल्स रेट कैसे नापते हैं?