जब हम भोजन खाते हैं तो इसका पाचन अग्नि द्वारा होता है। इससे आहार रस का निर्माण होता है, जो शरीर को बल प्रदान करता है।
हमारे शरीर में पाचन अग्नि द्वारा होता है। भोजन का पाचन होने के बाद हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है।
पाचन तंत्र में समस्या
यदि अग्नि ठीक से काम नहीं करेगी तो पाचन तंत्र में समस्या पैदा होगी। इससे शरीर कब्ज समेत पेट और आंतों की कई समस्याओं से ग्रस्त हो सकता है। जिसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है।
लेकिन आधुनिक समय में खराब खान-पान और दिनचर्या के कारण बड़ी संख्या में लोग कब्ज से ग्रस्त हैं। शुरुआती दौर में लोग इस समस्या के लक्षणों से इसकी पहचान नहीं कर पाते या फिर उसे अनदेखा करते हैं। बाद में यही समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है। इसलिए ये बेहद जरूरी है कि इसके शुरुआती लक्षणों को पहचान कर तुरंत उपचार किया जाए।
कब्ज क्या है
जब कड़ा मल या मलत्याग करने में कठिनाई होती है, तो ये कब्ज कहलाता है। यह भी हो सकता है कि आपको पेट खाली करने के लिए (मल त्याग के लिए) जोर लगाना पड़े।शौचालय जाने के बावजूद मन हल्का न लगे।
कब्ज के लक्षण (symptoms of constipation)
यदि हफ्ते में तीन दिन से अधिक मलत्याग नहीं कर पाते या एक दिन में तीन-चार बार पेट खाली करने जाते हैं तो ये भी कब्ज के लक्षण हैं।
कब्ज में होने वाली समस्या
ऐसा लगे कि पेट पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है। बार-बार पेट दर्द, ऐठन, गैस बनना, डकार आना, खाने में अरुचि, जीभ में छाले व पीलापन होना, आलस, सिर दर्द व उलटी होना भी कब्ज के ही लक्षण हैं।
कब्ज क्यों होता है
खराब खान-पान और गलत दिनचर्या कब्ज का मुख्य कारण है। फास्ट फूड, भोजन में अपर्याप्त मात्रा में रेशों (फाइबर) का सेवन, कम पानी पीने, व्यायाम की कमी, लंबे समय तक एंटीबायोटिक व गैस की दवाइयों के सेवन और समय पर मलत्याग करने न जाना कब्ज की समस्या के प्रमुख कारण हैं।
महिलाओं में कब्ज का कारण
महिलाओं में प्रसव के दौरान भी पेट का आतंरिक समस्याओं की वजह से यह रोग हो सकता दूध का चाय, कॉफी, तंबाकू या सिगरेट के लगातार सेवन से कब्ज की समस्या पैदा हो जाती है। पाचन ठीक न होने के बावजूद पेट भरकर खाना खाने और आलू की मुद्रा में बैठे रहने से भी कब्ज की समस्या पैदा हो सकती ह समय पर भोजन न करने से भी यह समस्या हो जाती है।
कब्ज में नजरअंदाज करें
कुछ लोग शौचालय में अखबार लेकर देर तक ग़लत तरीके से बैठते हैं जो इस समस्या को एक तरह से बुलावा देना है।
कब्ज से होने वाली बीमारी
यदि सही समय पर उपचार न किया जाए तो आगे चलकर यह शरीर के त्रिदोषा (वात, पित्त और कफ) को असंतुलित करता है। बवासीर, फिशर आदि का कारण भी बनता है। शुरुआती दौर में इसका इलाज आहार-विहार में परिवर्तन करके ही आसानी से किया जा सकता है। लोगों में भांति है कि कच्चे फल-सब्जियां खाने से कब्ज की समस्या ठीक होती है। बल्कि इससे पेट में वायु बनती है।