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गर्मियों में पीने वाले फायदेमंद जूस और गर्मियों में सबसे ज्यादा क्या पीना चाहिए?

गर्मियों के बारे में सोचते ही याद आ जाता है, ठंडा ठंडा शरबत

तेज धूप से होने वाली गर्मी और थकान को दूर करके शरबत हमारे शरीर को ताजगी और ठंडक देता है और यह बहुत स्वादिष्ट भी होता है इसलिए सभी लोग इसको काफी ज्यादा पसंद करते हैं।

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शरबत या शिकंजी गर्मियों का सह़ारा

गर्मियों के दिनों में हमारे शरीर का पानी पसीने के रूप में बाहर निकलता है, इस कारण से हमारे शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है और हम डिहाइड्रेशन के शिकार हो सकते हैं।

 

शरबत हमारे शरीर में पानी की कमी को दूर कर शरीर को हाइड्रेट रखता है।

इसे बनाने के लिए पेड़ के फल, फूल, पत्ते, जड़ों और पत्तों का भी इस्तेमाल किया जाता है।

इसमें पानी, शक्कर, नमक और कुछ अन्य पदार्थ मिलाए जाते हैं।

 

भारत देश के अलग-अलग हिस्सों में कई प्रकार के शरबत बनाए जाते हैं। क्योंकि देश के अलग-अलग हिस्सों में कई तरीके के अलग-अलग पेड़ मिलते हैं।

 

अलग-अलग जगह पर अलग अलग तरीके के शरबत तो बनते हैं लेकिन कुछ शरबत ऐसे भी हैं जिन्हें बहुत सारी जगहों पर बनाया जाता है।

शरबत जा शिकंजीयां गर्मियों में फायदेमंद

  • नींबू का शरबत या नींबू की शिकंजी

विटामिन सी से भरपूर यह फल हमारे स्वास्थ्य में अलग-अलग प्रकार से काम में आता है। जैसी नींबू का शरबत, नींबू का अचार, नींबू की चाय आदि

आइए देखते हैं कि नींबू का शरबत या नींबू की शिकंजी कैसे बनाते हैं।

शिकंजी बनाने की विधि

पानी में चीनी डालकर घोल लें और इसे पूरी तरीके से पानी में मिला ले। इसके बाद इसमें नींबू को काटकर में निचोड़। नींबू पानी छोड़ने के बाद इसको जान ले अब आपकी नींबू शिकंजी या नींबू के शरबत तैयार है।

नींबू की शिकंजी में कितनी कैलोरी होती है?

इसे बनाने के लिए इसमें नींबू का इस्तेमाल होता है और एक नींबू में 17 कैलोरी होती है। तो यह आपके द्वारा निचोड़े गए नींबू पर निर्भर होता है कि आप एक लीटर शिकंजी में कितने नींबू निचोड़ रहे हैं उसके हिसाब से ही कैलोरी का अनुमान लगा लें।

शिकंजी कब बनाकर पीएं

इससे दिन के समय में आप कभी भी बनाकर पी सकते हैं। लेकिन याद रखें कि खाली पेट ऐसे ना पिए इसे पेट में एसिडिटी हो सकती है। शिकंजी को खाने के दो से तीन घंटे के बाद पी सकते हैं।

इतनी ही शिकंजी बनाओ जिसे की उसी समय पी लिया जाए काफी देर तक शिकंजी को बनाकर न रखें।

नींबू शिकंजी बनाने वाला बर्तन कहां मिलता है?

तांबे के बर्तन में शिकंजी नहीं बनाना चाहिए। इसके अलावा आप दूसरे बर्तन में नींबू की शिकंजी बना सकते हैं जिससे आप अपनी रसोई में इस्तेमाल करते हैं। शिकंजी बनाने वाला बर्तन बाजार में आसानी से मिल जाएगा।

 

  • बेल फल का शरबत

बेल फल राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, कर्नाटक, बांग्लादेश में पाया जाता है।

राजस्थान में इससे बेल का जूस या बेल की शिकंजी भी कहते हैं।

यह स्वाद में काफी ज्यादा मीठा होता है।

इस शरबती आज उसको पीने से शरीर में ठंडक मिलती है।

 

बेल की शिकंजी या जूस बनाने की विधि

  1. सबसे पहले भी की कवच को तोड़ लें
  2. गूदे को बाहर निकाले
  3. बिजों को गूदे से बाहर निकाले
  4. अब गुदे को मिक्सी की मदद से पीस लें या फिर पानी में मथ सकते हैं
  5. इसमें चीनी भी डाल लें
  6. अब आप की बेल की शिकंजी तैयार है इसे छानकर पी सकते हैं।

 

  • कोकम का शरबत

महाराष्ट्र में समुंद्र या नदियों के किनारे कोकम के पेड़ काफी संख्या में पाए जाते हैं। जैसे ही गर्मियां शुरू होती है इस पेड़ पर फल आने शुरू हो जाते हैं।

इन फलों का शरबत स्वाद में थोड़ा खट्टा होता है।

पूरे साल भर कोकम के फल का आनंद लेने के लिए लोग इन फलों का रस निकालकर रख लेते हैं।

 

  • फालसा के फलों का शरबत

गुजरात में फालसा नाम के फल का शेर बातें लोगों को शरबत बहुत पसंद होता है।

इस पेड़ के लाल काले फल स्वाद में खट्टे-मीठे होते हैं।

 

  • कच्चे आम का शरबत या कच्चे आम की छाछ

यह शरबत पाचन शक्ति को दुरुस्त रखने और मजबूत बनाने में काफी ज्यादा मदद करता है। कच्चे आम को कैरी भी कहते हैं।

 

कैरी की छाछ बनाने की विधि

  • कच्चे आम को उबाल लें या फिर उसे आग में सेंक लें
  • छिलके को उतारकर पानी में मथ ले और उसका जूस बना लें
  • गूदे को पूरी तरह से हटने पर घुटली को फेंक दें
  • इसमें काला नमक और काली मिर्च मिलाएं
  • अब छानकर इसे पी सकते हैं।

 

इसे खाना खाने के बाद पीएं।

गर्मियों में कैरी की छाछ पीने से लू नहीं लगती है।

 

  • पुदीने का शरबत या पुदीने की शिकंजी

गर्मियों में काफी ज्यादा पसंद किया जाता है, पुदीना। इसमें काफी अच्छी खुशबू आती है वो ताजगी भी देता है।

उसकी हरी पत्तियों या पत्तियों को सुखाकर शरबत बनाया जाता है।

यह शिकंजी बहुत ही ज्यादा स्वादिष्ट लगती है।

 

पुदीने के शरबत बनाने की विधि

  • पानी में चीनी का घोल बनाने
  • इसमें पुदीने की पत्तियों को पीसकर डालें या सुख आई हुई देने की पत्तियों को डालें
  • इसे छानकर पी सकते हैं।

 

  • बुरांश के फूलों का शरबत

यह फूल गर्मियां शुरू होने से पहले ही लगने शुरू हो जाते हैं। जोकि दिखने में गहरे लाल रंग के होते हैं।

बुरांस के फूल ठंडे इलाकों जैसे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में पाए जाते हैं। इस जगह पर अधिकांश लोग बुरांश के फूलों का शरबत पीना पसंद करते हैं और यहां पर लगभग हर घर में इसका शरबत बनाया जाता है।

यह फ्लावर से बनाई जाने वाली सबसे स्वादिष्ट शरबत होती है।

  • रोबाब तैंगा का शरबत

उत्तर पूर्वी भारत के असम राज्य में यह फल पाया जाता है। महाराष्ट्र में इस फल को पपनस कहते हैं, परंतु यहां पर इसका सर बस नहीं बनाया जाता है।

रोबाब तैंगा फल नींबू की प्रजाति का है। यह स्वाद में खट्टा मीठा होता है और असम में इसे काफी ज्यादा पसंद किया जाता है।

  • आम पन्ना या कच्चे आम का शरबत

  • इस शरबत को बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे आम लें
  • अब इन्हें अच्छी तरह से उबाले
  • उबले हुए कच्चे आम से छिलके उतारें
  • इसके बाद घुटलियों से गुदा अलग कर दें
  • गुदे में गुड़ मिला दे
  • थोड़ा इलायची पाउडर और स्वाद अनुसार थोड़ा नमक भी डालें
  • अब मिश्रण को छान लें
  • गिलास में एक चम्मच या डेढ़ चम्मच मिश्रण लें और
  • ठंडा पानी डालें
  • चमक से घोलें आपका शरबत तैयार हो चुका है।

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