अस्थि पंजर या कंकाल तंत्र का विकास
कंकाल लाखों सालों से विकसित होता चला आ रहा है। शोधकर्ता अब जानते है कि 60 लाख साल से भी ज्यादा पहले एक जानवर हुआ करता था जो दो अलग अलग प्रजातियों का पूर्वज साबित हुआ। एक प्रजाति चिम्पांजी बनी।
कंकाल की प्रजातीयां
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चिंपांज़ी
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वानर / एप्प
चिम्पांजी चलने के लिए थोड़ा थोड़ा दो पैरों पर चल सकते थे लेकिन साथ ही हाथों का भी इस्तेमाल करते थे।
दूसरी वानर या जिसे एप्प भी कहते हैं। इस दूसरी प्रजाति ने मनुष्य जैसे कई प्रजातियों को जन्म दिया। पुन: मनुष्य जैसे कई प्रजातियों में से केवल हम ही हैं जो बच सके हैं बाकी सभी समाप्त हो गए।
इस विडियो में तुम एक चिम्पांजी और एक मनुष्य जैसी प्रजाति का कंकाल देख रहे हो जो 30 लाख साल पहले रहता था। चलो हम इसे लूसी कहकर बुलाते हैं। लूसी कई तरह से चिम्पांजियों के समान है लेकिन बहुत तरह से ये लूसी आधुनिक मनुष्य के बीच समान हैं।
आधुनिक मनुष्य लगभग दो लाख साल पहले आए। उससे पहले कई मनुष्य जैसी प्रजातियां आई और धरती पर लाखों वर्षों तक विचरण करने या भटकने के बाद गायब या विलुप्त हो गई।
कंकाल तंत्र की खोपड़ी
हमारे शरीर में मस्तिष्क या दिमाग शायद सबसे अधिक महत्वपूर्ण अंग या अवयव है, यह खोपड़ी के अंदर सुरक्षित रहता है।
लगभग चालीस लाख साल पहले मनुष्य जैसा एक जीव पृथ्वी पर प्रकट हुआ। यह जीव हमेशा दो पैरों पर चलता था। उसकी खोपड़ी कभी कभी दो पैरों पर चलने वाले चिम्पांजी की खोपड़ी से अलग थी। उसका जबड़ा अलग था और खोपड़ी में बड़ा मस्तिष्क समा सकता था।
खोपड़ी का विकास
यह कहा जाता है कि आदमी का बड़ा मस्तिष्क उसे कई ऐसे काम करने देने में सहायक है जो चिम्पांजी नहीं कर सकते।
समय के साथ मनुष्य जैसी कई प्रजातियां विकसित हुईं और लाखों सालों के दौरान खोपड़ी में बदलाव आता रहा।
मस्तिष्क बड़ा होता गया जो पहली तीन खोपड़ियां तुम देख रहे हो पर मनुष्य जैसी प्रजातियों की है और वो प्रजातियां अब अस्तित्व में नहीं है और आखिरी वाली खोपड़ी हम लोगों की है जो हमें चिम्पांजी से बिल्कुल अलग दर्शाती है। दिखने में जो सबसे बड़ा अंतर है वो यह है कि चिम्पांजी की त्रुटी उसकी नाक के आगे की ओर निकली होती है। वहीं मनुष्य की त्रुटि हमेशा नाक की रेखा के नीचे और पीछे की तरफ होती है।
खोपड़ी की हड्डियां
देखने में खोपड़ी एक ही हड्डी जैसी दिखती है लेकिन इसमें 22 हड्डियां होती हैं और इन 22 हड्डियों में जबड़े के दाँतों की गिनती अभी नहीं की है।
जबड़े की हड्डी को छोड़कर खोपड़ी के बाकी सभी हड्डियां शरीर के बाकी दूसरी हड्डियों की तरह हिल डुल नहीं सकतीं।
खोपड़ी हमारी रीढ़ की हड्डी के ऊपर स्थित है। कुछ इस तरह से कि हम अपना सर अगल बगल और ऊपर नीचे हिला डुला सकते हैं। कंकाल तंत्र में जोड़ है जिनसे हमें हिलने डुलने में मदद मिलती है।