हमारी पृथ्वी पर मौजूद पानी में से मात्र 3% पानी भी पीने लायक है।
आइए देखें कि जल किस तरीके से वायुमंडल में घूमता रहता है?
जल चक्र (Water Cycle)
जल निरंतर पृथ्वी की सतह से वायुमंडल में और वायुमंडल से वापस पृथ्वी की सतह में घूमता रहता है।
जल की इस चक्रीय गतिविधि को जल चक्र कहा जाता है।
जल चक्र के दौरान जल ठोस तरल और गैसीय अवस्थाओं में पाया जा सकता है।
आइए जल चक्र को विस्तार से देखते हैं-
वाष्पोत्सर्जन प्रक्रिया
सूर्य की ऊष्मा महासागरों, तालाबों और नदियों के जल को जल वाष्प में बदल देती हैं। यह जलवाष्प ऊपर वायुमंडल में चली जाती है।
वाष्पोत्सर्जन प्रक्रिया के दौरान पौधे हवा में जलवाष्प छोड़ते हैं।
बादल कैसे बनते हैं?
वाष्पीकरण और वाष्पोत्सर्जन के द्वारा बनी जलवाष्प ऊंचाई पर जाने पर कम तापमान के कारण संघनित हो जाती है, जिस कारण बादल बनते हैं।
अवक्षेपण किसे कहते हैं?
आसमान से बर्फ कैसे गिरता है?
जब बादलों में एकत्र जल की बूंदें बहुत बड़ी और भारी हो जाती है वह वर्षा व बर्फ के आंले के रूप में आसमान से पृथ्वी की सतह पर गिरने लगती है। जल बरसने की इस प्रक्रिया को अवक्षेपण कहा जाता है।
भूमि में जल कहां से आता है?
वर्षा का कुछ जल भूमि में चला जाता है और भूमिगत जल का हिस्सा बन जाता है। हालांकि वर्षा का अधिकतर जल भूमि की सतह के ऊपर बहता है और तालाबों, नदियों और महासागरों में चला जाता है। यहां से जल चक्र दोबारा आरंभ हो जाता है।
जल-चक्र के क्रम में जल की कौन-कौन सी अवस्थाएँ पायी जाती हैं?
जल चक्र को समझते समय आपने जल की तीन अवस्थाओं को देखा होगा। महासागरों, तालाबों और नदियों में जल तरल अवस्था में पाया जा सकता है।
वाष्पीकरण और वाष्पोत्सर्जन में उत्पन्न जल वाष्प जल की गैसीय अवस्था दर्शाती है।
अवक्षेपण के दौरान बनने वाली बर्फ जल की ठोस अवस्था का प्रतिनिधित्व करती है, जो बर्फ की चोटियों और हिम नदियों पर जमा हो सकती है।