हमारे शरीर को कोई भी कार्य करने के लिए तथा वृद्धि और विकास के लिए, नई कोशिकाओं के निर्माण के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
यह ऊर्जा हम जो भोजन खाते हैं उसकी कोशिकीय श्वसन प्रक्रिया के फल स्वरूप प्राप्त करते हैं।
कोशिकीय श्वसन
पादपों और जंतुओं दोनों में कोशिकीय श्वसन प्रत्येक कोशिका द्वारा किया जाता है और यह जीवन के लिए अनिवार्य है।
जब हम खाते हैं तो भोजन में मौजूद पोषक तत्व या न्यूट्रिशन पाचन प्रक्रिया के दौरान ग्लूकोस में भी खंडित हो जाते हैं।
ग्लूकोस को रक्त में से उन कोशिकाओं तक पहुंचाया जाता है, जहां इसकी जरूरत होती है|
शरीर में ऑक्सीजन रक्त द्वारा कोशिकाओं तक पहुंचाई जाती है। हर एक कोशिका में ऊर्जा मुक्त करने के लिए ग्लूकोस का ऑक्सीकरण होता है।
वायवीय स्वसन
ऊर्जा मुक्त करने के लिए ऑक्सीजन की उपस्थिति में ग्लूकोस विखंडन की प्रक्रिया, वायवीय स्वसन कहलाती है।
इस प्रक्रिया के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड और जल से उत्पाद के रूप में मुक्त होते हैं|
अवायवीय श्वसन
कुछ यीस्ट और बैक्टीरिया में ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोस का विखंडन होता है। यह प्रक्रिया अवायवीय श्वसन कहलाती है|
अवायवीय श्वसन वायवीय श्वसन के जितना कुशल नहीं है, यह इसलिए क्योंकि ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोस पूरी तरह से विखंडित नहीं हो पाता है, इसीलिए कम ऊर्जा मुक्त होती है।
किण्वन अवायवीय श्वसन का एक प्रकार है, जिसकी अभिक्रिया के उत्पादों में से एक एल्कोहल है।
कुछ जीव अवायवीय रूप से स्वसन करते हैं और लैक्टिक अम्ल पैदा करते हैं।
अत्यधिक व्यायाम के दौरान, ऊर्जा तेजी से जलती है।
तेजी से सांस लेने के बाद भी शरीर वायविय स्वसन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं कर पाता।
जब ऐसा होता है तब पेशियां अवायवीय रूप से स्वसन करना शुरू कर देती है, फल स्वरुप लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है। यही कारण है अत्यधिक व्यायाम करने से पेशियों में दर्द होने लगता है।