कार्बन क्या है? – कार्बन की परिभाषा, जीवाश्म ईंधन, योगिक और परमाणु

 क्या होगा जब आप एलुमिनियम के एक पत्र को जलती हुए मोमबत्ती के ऊपर रखेंगे?

आप उस पत्र पर एक काली परत देखेंगे, यह कालिक है और यह कार्बन का एक रुप है।

कार्बन

कार्बन एक प्राकृतिक रुप से होने वाला अधात्विक तत्व हैं, जो धरती पर जीवन आधार निर्मित करता है।

कार्बन संसार में चौथे स्थान पर पाया जाने वाला सबसे प्रचुर तत्व है और यह कार्बन चक्र द्वारा ग्रह पर स्वास्थ्य और स्थायित्व में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

https://www.youtube.com/watch?v=egTEwiLLfsQ

कार्बन – जीवाश्म इंधन में विद्यमान 

कोयला, पेट्रोल और प्राकर्तिक गैस उन पौधों और पशु के अवशेषों से बनें जीवाश्म इंधन है, जो कई सालों पहले जीवित थे।

प्रचुर कार्बन योगिक

कार्बन की बंधन बनाने वाली अद्ववितीय क्षमता धरती पर कार्बन योगिको की प्रचुरता की और ले जाती है।

 

कार्बन डीनए का एक घटक

कार्बन जीवन के रसायन में महत्वपू होता है। क्योंकि यह अमीनो अम्ल और DNA का एक घटक है।

 

कार्बन के परमाणु

कार्बन के परमाणु संख्या 6 है। उसे अपने संयोजकता या बाहियतम कोष में 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं। सभी तत्वों को एक आदर्श गैस विन्यास प्राप्त करने के लिए बाहियतम को कोष को पूर्ण रुप से भरे हुए प्राप्त करने की प्रवृत्ति होती है।

स्थाई विन्यास आदर्श गैसो सो में देखा जाता है। जैसे- हीलियम [helium(He)], नीयोन [neon(Ne)], आरगन [argon(Ar)] और क्रिप्टॉन [Krypton(Kr)]।

 

इसी प्रकार कार्बन परमाणु को एक स्थाई अष्टक प्राप्त करने के लिए 4 अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना पड़ता है। तो कैसे कार्बन परमाणु इन इलेक्ट्रॉनों को अर्जित करता है। आप इस प्रश्न का उत्तर जल्द ही पाएंगे।

 

आयनिक बंधन

एक परमाणु, एक स्थाई अष्टक इलेक्ट्रॉनों को खोकर या अर्जित कर प्राप्त कर सकता है। वे परमाणु जो एक इलेक्ट्रॉनिक गवाते हैं, एक धनात्मक आयन बनाते हैं। जबकि वे परमाणु जोकि 1 इलेक्ट्रॉन प्राप्त करते हैं, 1 ऋणात्मक आयन बनाते हैं।

उदाहरण- सोडियम एक धनात्मक आयन के निर्माण के लिए 1 इलेक्ट्रॉन गवाता है। और क्लोरीन 1 ऋणात्म आयन बनाने के लिए 1 इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है। यह आयन सोडियम क्लोराइड बनाने के लिए एक आयनिक बंधन के द्वारा एक साथ जुड़े होते हैं।

 

कार्बन को चार संयोजिक इलेक्ट्रॉन उसके साहित्यम कक्षा में होते हैं। एक स्थाई अष्टक प्राप्त करने के लिए उसे या तो अपनी बाहियत्म कक्षा के लिए 4 इलेक्ट्रॉन या तो गवाना या फिर प्राप्त करना पढ़ेगा।

 

कार्बन आयनिक बंधन नहीं बना सकता है क्योंकि आप अगर कार्बन चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है तो 10 इलेक्ट्रोन हो जाएंगे और छः प्रोटोन वाले नाभिक के लिए चार अतिरिक्त इलेक्ट्रोनिक को संभालना मुश्किल हो जाएगा। 

अगर कार्बन अपनी बाहियत्म कक्षा में चार इलेक्ट्रॉन गवाता है उसे दो इलेक्ट्रॉन को संभालने वाले छः प्रोटोन छोड़ने के लिए भारी मात्रा में उर्जा की जरूरत होगी। 

इस प्रकार इलेक्ट्रॉन गवाने या प्राप्त करने के बदले कार्बन अपने संयोजिक इलेक्ट्रॉन को दूसरे कार्बन परमाणु या दूसरे तत्वो के साथ सह-संयोजक बंधन बनाने के लिए साझा करता है।

 

सहसंयोजक बंधन

परमाणु इलेक्ट्रॉन को साझा कर भी एक स्थाई अष्टक प्राप्त कर सकते हैं। यह सह-संयोजक बंधन के रूप में जाना जाता है।

 

उदाहरण 1 – 

क्लोरीन परमाणु को उसकी बाहियत्म कक्षा में 7 इलेक्ट्रॉन होते हैं। क्लोरीन के 2 परमाणु अपनी बाहियत्म कक्षा में इलेक्ट्रॉनो के एकल जोड़ी को साझा कर स्थायित्व प्राप्त करते हैं।

 

उदाहरण 2

एक मिथेन अंणु निर्मित होता है। जब एक कार्बन और चार हाइड्रोजन परमाणु अपने इलेक्ट्रोनो को साझा करते हैं। 

ऑक्सीजन अणु में दो ऑक्सीजन परमाणु अपनी संयोजी कक्षा को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रोनो का दो जोड़ा साझा करते हैं।

आयनिक यौगिक

सहसंयोजी यौगिक

इलेक्ट्रॉनों की क्षति या 

प्राप्ति से निर्मित

इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी से निर्मित

धातु और अधातु का संयोजक

अधातुओं का संयोजक

उच्च गलनांक और क्वथनांक धारण करते हैं

निम्न गलनांक और क्वथनांक धारण करते हैं

वे विद्युत धारा के सुचालक होते हैं

वह विद्युत धारा के कुचालक होते हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *