रासायनिक अभिक्रिया
हमें ज्ञात है कि रासायनिक अभिक्रिया में क्रिया कारकों में परमाण्विक बंध टूटते हैं एवं उत्पादों में नवीन बंध बनते हैं किन्तु ऐसा किस प्रकार होता है।
रासायनिक अभिक्रिया के होने के लिए दो अणुओं को जुड़ना होता है एवं नवीन अणुओं के निर्माण के लिए वे अपने परमाणुओं को पुनः व्यवस्थित कर लेते हैं।
प्रत्येक संघटक यानि मेल से अभिक्रिया नहीं होती क्योंकि टकराने वाले सभी अणुओं में उतनी ऊर्जा नहीं होती के वे परमाणुओं को पुनः व्यवस्थित कर सकें। मोलिक बंधुओं को तोड़ने और नवीन आणविक बंधु के निर्माण के लिए कुछ सक्रियण ऊर्जा आवश्यक होती है।*-
रासायनिक अभिक्रिया को कैसे पहचानें
अपर्याप्त ऊर्जा वाले कण बिना अभिक्रिया के ही मिल जाते हैं। आप कैसे बताएंगे कि रासायनिक अभिक्रिया हुई है भौतिक परिवर्तन में परमाण्विक बन्ध नहीं टूटते।
इसलिए आइसक्रीम का पिघलना भौतिक परिवर्तन का एक उदाहरण है।
परंतु जब हम दुग्ध शर्करा को गर्म करते हैं तो रासायनिक अभिक्रिया होती है क्योंकि उष्मा के फलस्वरूप परमाण्विक बन्ध टूटते हैं।
इस रासायनिक परिवर्तन से दुग्ध शर्करा का अपना स्वाद उत्पन्न होता है। दीया सलाई को रगड़ने से क्या होता है यह भी एक रासायनिक परिवर्तन है क्यूंकि दीया सलाई के छोर पर लगाया गया फास्फोरस चलने से परमाण्विक बंधन टूटते हैं।
जिस प्रकार लकड़ी जलकर राख बन जाती है उसी प्रकार दीया सलाई वापस अपने रूप में नहीं आती। रासायनिक परिवर्तन का एक और सूचक रंग परिवर्तन है।
शरद ऋतु में पत्तों के सुंदर रंग एवं आदि खाई सेब का भूरा हो जाना भी रासायनिक परिवर्तनों के कारण होता है। कभी कभी इन परिवर्तनों से गंध में भी परिवर्तन आ जाता है।
उदाहरण हेतु फल का विकलन यानि क्षय रासायनिक परिवर्तन होता है जिसमें दुर्गन्ध उत्पन्न होती है। कुछ रासायनिक परिवर्तनों में गैस निकल सकती है
जब प्रत्या अम्ल यानी प्रति धन अम्ल अर्थात एंड ऐसिड की बूँद जल में डाली जाती है तो बुलबुले हमें बताते हैं कि रासायनिक परिवर्तन हुआ है।
अवक्षेप का निर्माण (Formation of Precipitate)
कभी कभी रासायनिक अभिक्रिया के दौरान ठोस अवक्षेप बन सकता है।
उदाहरण:- पोटेशियम क्लोराइड के विलयन में जब जलीय सिल्वर नाइट्रेट मिलाया जाता है तो श्वेत ठोस सिल्वर क्लोराइड अपक्षय बनता है।
लकड़ी के दहन से ऊष्मा उत्पन्न होती है। यह एक रासायनिक परिवर्तन हुआ किंतु मात्र तापमान में परिवर्तन कोई रासायनिक परिवर्तन नहीं है।
वातानुकूलित द्वारा कक्ष को शीतल करने में कोई रासायनिक परिवर्तन नहीं होता। जब तापमान में परिवर्तन के साथ अन्य परिवर्तन जैसे रंग गंध और अवस्था में परिवर्तन होते हैं तो उसे रासायनिक परिवर्तन कहा जाता है।
उदाहरण:- अंडे को सीखना। बर्फ जब पिघलती है तो उसे जल को पुनः जमा कर बर्फ बनाया जा सकता है। दूसरी ओर रासायनिक परिवर्तनों के दौरान उत्पन्न पदार्थ सरलता से अपने मौलिक रूप में परिवर्तित नहीं किये जा सकते।
कुछ अभिक्रियाएं
तेज गति से होने वाली अभिक्रिया
जल एवं पोटेशियम की अभिक्रिया द्रुत गति से एवं प्रबलता से होती है। अभिक्रिया के दौरान निकली ऊष्मा से पोटेशियम जल जाता है। इसके अतिरिक्त अभिक्रिया के दौरान उत्पन्न हाइड्रोजन भी जलने लगती है।
धीमी गति से होने वाली अभिक्रिया
लोहे में जंग लगना अथवा कॉक्रीट का जमना। क्या अभिक्रिया की दर को परिवर्तित करना संभव है।
उत्प्रेरक
उत्प्रेरक वह पदार्थ होता है जो रासायनिक अभिक्रिया की चाल को बढ़ा देता है परंतु अभिक्रिया के अंत में रासायनिक रूप से अपरिवर्तित रह जाता है।
अनेक औद्योगिक रासायनिक प्रक्रिया में उत्प्रेरक अति महत्वपूर्ण होते हैं ताकि अभिक्रियाओं की चाल बढ़ाकर प्रक्रियाओं की क्षमता बढ़ाई जा सके।
उत्प्रेरक के उदाहरण
विकर यानि एंजाइम्स ऐसे उत्प्रेरको के उदाहरण हैं जो हमारे शरीर में बनते हैं उदाहरण लार में ऐमाइलेज नामक एक विकार पाया जाता है जो भोजन में उपस्थित मंड को तोड़ने में सहायता करता है।
निरोधक
निरोधक ऐसा पदार्थ होते हैं जो रासायनिक अभिक्रियाओं को धीमा कर देते हैं।
उदाहरण-: नीबू का रस कटे फलों पर लगाने से वे शीघ्र भूरे नहीं पड़ते।
चारों ओर देखें और विचार करें कि आसपास भिन्न भिन्न प्रकारों की रासायनिक कभी क्रियाएं होती ही जा रही हैं। इन अभिक्रियाओं को समझने से हम जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने की ओर एक पहला पग बढ़ाते हैं।
इसमे हमने क्या सीखा
हम पुनरावलोकन कर रहे हैं कि आज हमने किन मुख्य बिंदुओं को सीखा।
- रासायनिक परिवर्तन होने के लिए दो अणुओं को संघट यानी टकराहट एवं उनके परमाणुओं का पुनः व्यवस्थित होना आवश्यक है।
- इस अभिक्रिया में कुछ सक्रियण ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- आप पर्याप्त ऊर्जा वाले कण बिना अभिक्रिया के परस्पर जुड़ जाते हैं।
- भौतिक परिवर्तन में नवीन बंधों का निर्माण नहीं होता ना ही कोई बंध टूटता है।
- उत्प्रेरक वह पदार्थ होता है जो रासायनिक अभिक्रिया की चाल को बढ़ा देता है।
- निरोधक के कारण रासायनिक अभिक्रिया धीमी हो जाती है।