संक्रामक रोग
हम जिस वातावरण में रहते हैं वहां भरपूर मात्रा में कीटाणुओं या रोगाणु हैं।
ये रोगाणु एक संक्रमित व्यक्ति के शरीर से एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में संक्रमण करते हैं।
शरीर में प्रवेश करने पर वे जहर उत्पन्न करते हैं जो खांसी, बुखार, फुंसियां निकलने जैसे लक्षणों को जन्म देती हैं।
ऐसे रोग जो रोगाणुओं द्वारा फैलते हैं संक्रामक या संचारी रोग कहलाती है।
संक्रामक या संचारी रोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से फैल सकती है।
अप्रत्यक्ष तरीके में हवा, जल, भोजन, कीट और पशुओं के द्वारा फैलना शामिल है।
जबकि प्रत्यक्ष तरीके में संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क शामिल है।
हवा द्वारा फैलने वाले रोग
बिना मुंह ढके चीखने से बचना चाहिए नहीं तो कीटाणु युक्त लार की बूंदें हवा में प्रवेश कर जाती हैं।
और जब एक स्वस्थ व्यक्ति इस दूषित हवा को सांस लेता है संक्रमण प्रसारित हो जाता है।
थूकने और नाक साफ करने से बचना चाहिए।
इनके सूखने के बाद इनमें मौजूद रोग जनक सूक्ष्म जीव हवा में फैल जाती हैं और बीमारियां फैलाते हैं।
तपेदिक या यक्ष्मा थूकने से फैलता है।
कभी-कभी हवा परजीवियों के छोटे अंडों को उड़ा कर लाती है जो भोजन में गिर कर फैल जाती है।
ऐसे ही भोजन का उपभोग व्यक्ति को बीमार बनाता है।
हवा द्वारा रोग का फैलना चीखते या खांसते समय अपनी मुंह और नाक को ढकने से और खाद्य पदार्थों को ढक कर या बंद डिब्बे में रखने से रोका जा सकता है।
भोजन और जल द्वारा फैलने वाले रोग
दूषित जल की एक बूँद प्राण घातक बीमारियां जैसे हेपेटाइटिस,आंत्रशोथ और पोलियो का कारण हो सकती है।
कृमि संक्रमण भी दूषित जल के कारण फैलता है।
एक प्रभावित व्यक्ति के मल से दूषित पेयजल का सेवन जल द्वारा रोग फैलने की प्राथमिक स्रोतों
में से एक है।
उबला और छना हुआ जल पीना फैलने से रोकने में मदद करेगा।
शहरों और कस्बों में पेयजल द्वारा बीमारी फैलने से रोकने के लिए जल को आपूर्ति करने से पूर्व शुद्धिकरण और क्लोरीन करण द्वारा शुद्ध किया जाता है।
बिना धोए ही सब्जी और फल खाने के कारण रोग संचरित हो सकता है।
सेब को खाने से पहले धोना नहीं भूले। अस्त व्यस्त स्थानों में तैयार और रखा गया भोजन मक्खियों को आकर्षित करता है।
वे रोग जनक कीटाणुओं को ले जाकर खाद्य पदार्थों पर छोड़ देती है।
भोजन द्वारा रोगों को फैलने से रोकने के लिए भोजन को बंद डिब्बे में रखे सब्जियों और फलों को स्वच्छ जल से धोएं।
मांसाहारी को हमेशा सुनिश्चित करना चाहिए कि मांस अच्छी तरह से पका हो।
सम्पर्क से फैलने वाले रोग
कुछ रोग एक संक्रमित व्यक्ति के साथ सामान्य व्यक्ति की प्रत्यक्ष शारीरिक संपर्क में आने से या प्रभावित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए जाने वाले सामान जैसे तौलिया या कपड़े का उपयोग करने से संचरित होते हैं। खुजली के कीटाणु प्रत्यक्ष संपर्क द्वारा संचरित होते हैं।
कीट और हमारी आसपास पाई जाने वाली कुछ पशु रोग फैलाते हैं।
कीटो और पशुओं से फैलने वाले रोग
मलेरिया और फाइलेरिया मच्छरों द्वारा फैलती है।
मक्खियां तपेदिक,अमीयोबाइसिस और दूसरी जठरात्रिय रोग फैलाती है।
तिल चट्टा और जू भी बीमारी फैलाती है कुत्ते और बंदर भी कीटाणु पालते हैं
जो मानवों में घातक बीमारियों का कारण हो सकती हैं।