पेट में छाले कैसे होते है और डॉक्टर कैसे छालो का पता करके इलाज करते है?

पेट में छाले होने से पेट की परत तक डैमेज हो सकती है, जिससे ब्लीडिंग तक हो सकती है। लेकिन पेट में छाले बनते कैसे हैं? आइए 3D एनिमेशन से समझते हैं।

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पेट में छाले कैसे होते है?

जो हमारा पेट होता है उसमें खाना पचाने के लिए हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) मौजूद होता है, जो कि खाने को पचाकर आगे आंतों में भेजता है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि जब एसिड खाने को गलाता है, तो इससे हमारे पेट की परत को कोई नुकसान क्यों नहीं पहुंचता? 

पेट की सुरक्षा के लिए पेट में म्युकोसा (MUCOSA) नाम की परत होती है जो कि एसिड से बचाव करती है। लेकिन जब कभी काफी मात्रा में अल्कोहल, एस्प्ररीन या फिर काफी अड़चनें आ जाती है, जिसकी वजह से म्यूकोसा लेयर डैमेज हो जाती है और ULCER यानी छाले बन जाते हैं।

लेकिन पेट में छाले बनने का सबसे मुख्य कारण हेलिकोबैक्टर पाइलोरी बैक्टीरिया है जिसे एच पाइलोरी भी कहते हैं। 

 

H-Pylori से इन्फेक्शन कैसे होता है?

H-Pylori की वजह से जो इंफेक्शन होता है जिसकी वजह से म्यूकस लेयर में सूजन आ जाती है और टॉक्सिंस पदार्थ म्यूकस की मोटी परत को धीरे-धीरे पतला करते जाते हैं जो पेट व आंतों को सुरक्षा देती है। इसके साथ ही टॉक्सिंस पेट में मौजूद ग्लैंड्स, ऑर्गन्स और सेल से एसिड का स्राव बढ़ा देते हैं।

जिसकी वजह से एसिड म्यूकस को नुकसान पहुंचाते हुए पेट की परत में घाव बनाते हैं और छाले बन जाते हैं। और घाव वाला भाग काफी कमजोर हो जाता है और यहां तक कि घाव गहरा होकर पेट की मांसपेशियों से होते हुए पूरे पेट की परत के आर-पार छेद निकाल सकता है। इस पेट के घाव को PEPTIC ULCER कहते हैं। 

 

पेट में छालो के लक्षण

पेट में छाले के कारण काफी तेज दर्द व अपच जैसी समस्या हो सकती है। 

छालों की जाँच 

अगर समय रहते इसको पहचान किया जाए तो इसको आसानी से ठीक किया जा सकता है। जिसके लिए सबसे पहले डॉक्टर्स लैब टेस्ट करवाते हैं। जिसमें एच पाइलरी बैक्टीरिया को देखते हैं। इसके अलावा एंडोस्कोपी से पता करते हैं। जिसमें व्यक्ति के मुंह में एक कैमरा गले से होते हुए पेट में डाला जाता है और उसका व्यू स्क्रीन पर देखते हैं जिससे पता चल जाता है कि अल्सर कौन सी जगह पर है जिससे इलाज करने में आसानी होती है।

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